"ज्योतिष विज्ञान सत्य या कल्पना"

"ज्योतिष विज्ञान सत्य या कल्पना" हम इस संसार में विश्व चेतना के एक कण के रूप में आते हैं। इस कण में पूर्व जन्मों के कर्मों के अनुसार जीवन का सारा ढांचा बना हुआ होता है। सारी सूचना कि किस गर्भ को चुनना है, और कब चुनना है, योनि कौन सी होगी, जीवन कैसा होगा सारी जानकारी उस कण में मौजूद रहती है। इसी जानकारी के अनुसार वह चेतना अपना गर्भ चुनती है। इस प्रकार एक नये जीवन की उत्पत्ति होती है। इस धरती के सभी जीवों के चारों ओर विभिन्न रंगों के प्रकाश की उर्जा होती है, जिसे हम 'औरा' कहते हैं, विज्ञान ने भी इस तथ्य को स्वीकारा है कि सभी जीवों के चारों ओर औरा नामक एक उर्जा होती है। इस 'औरा' की उर्जा पर नौं ग्रहों का विशेष प्रभाव होता है। और इसका प्रभाव हमारे जीवन पर भी पडता है। इसी ऊर्जा के जीवन में पडने वाले प्रभाव के विस्त्रत अध्ययन को ही 'ज्योतिष शास्त्र' कहा गया है। ज्योतिष शास्र् के अध्ययन से पता चलता है कि यह नौ ग्रहों की शक्ति हमारे जन्म से पूर्व ही हमारे जीवन को नियंत्रित करने लगती है। चेतना की औरा के हिसाब से ही चेतना निर्ण...