सूक्ष्म जगत से खेल्वाड़, अक्सर पड़ जाता है भारी।

सूक्ष्म जगत से खेलवाड, अक्सर पड जाता है भारी

सूक्ष्म जगत के बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं होती क्योंकि यह 
एक अद्रश्य जगत है। भौतिक जगत अर्थात वो संसार जिसमें हम जीते हैं, हमें दिखाई देता है, इसकी घटनाओं को हम विज्ञान की सहायता से समझ सकते हैं, और यह विज्ञान के नियमों का  पालन भी करता है, लेकिन सूक्ष्म जगत विज्ञान से परे है। भले ही यह हमें दिखाई न दे पर फिर भी हम इसे महसूस करते हैं। सभी धर्मों में अनुभवी व्यक्तियों ने इसको महसूस किया है, इसीलिये यह जगत बिल्कुल सत्य है, फिर भले ही विज्ञान इसे निराधार ठहराये।
अगर बात विज्ञान की ही करें तो विज्ञान का सबसे बडा नियम तो यही है कि कोई ऊर्जा न कभी उत्पन्न होती है और न ही नष्ट होती है, वह केवल अपना रूप बदल सकती है, यही तथ्य इस जगत की अस्तित्व का प्रमाण है। 
हाँ मैं वही संसार की बात कर रहा हूँ जिसे भूतों का संसार कहते हैं। चाहे कोई भी धर्म हो या कोई भी देशॉ, सभी मानव समुदाय में इस संसार के असंत्रप्त प्राणियों ने अपनी मौजूदगी का प्रमाण  समय-समय पर दिया है, और साधारण मनुष्यों के जीवन में हस्तक्षेप करने की कोशिश की है।
मानव सबसे संवेदनशील और बुद्धिमान जीव है। सभी मनुष्यों में दो तरह की ऊर्जा पायी जाती है- भौतिक ऊर्जा व मानसिक ऊर्जा । मनुष्यों में मानसिक ऊर्जा का स्तर सबसे ज्यादा होता है, जैसे भावनाएँ, लगाव, ईर्ष्या, प्रेम आदि। जब कभी किसी मनुष्य की म्रत्यु होती है तो उसकी भोतिक ऊर्जा तो भौतिक संसार में विलीन हो जाती है किन्तु यदि उसकी मानसिक त्रप्ति नहीं हुयी है तो उसकी मानसिक ऊर्जा संसार में मुक्त नहीं हो पाती और सूक्ष्म जगत में फसकर रह जाती है। इन्हें ही पारलौकिक जीव कहते हैं, इसके कई उदाहरण हैं जैसे- भूत, पिशाच,चुडैल,चण्डाल या फिर पवित्र  आत्मायें।
विभिन्न धर्मों में इन जीवों से सुरक्षित संवाद साधने व उन्हें नियंत्रित करने के अलग-अलग तरीके हैं जिसका उपयोग करके अभ्यस्त व्यक्ति इन्हें नियंत्रित करते हैं।  किन्तु यदि बिना किसी अनुभवी के मार्गदर्शन में या फिर मजाक-मजाक में जिज्ञासा वश इनका अपमान होता है तो ये दंड देने के भी सामर्थ्य  रखते हैं। कुछ जीव तो इतने बुरे होते हैं कि वे मनुष्य का पूरा जीवन तक बर्बाद कर देते हैं। ये क्रोधित होने पर या अपने आनंद के लिये मनष्य को म्रत्यु तुल्य कष्ट देते हैं। ज्यादातर ये पापात्मायें होती हैं और बहुत अधिक शक्तिशाली होती हैं।
इसलिये अन्जाने में इनके विरुद्ध किये गये कार्य जैसे- कहीं भी पेशाब कर देना, कहीं भी शौंच करना या थूकना. कहीं भी सेक्स करना, व्यर्थ आवाजें लगाना, इंटरनेट के जरिये उल्टे-सीधे खेल खेलना जिसमें उइजा बोर्ड काफी प्रसिद्ध है, या कोई भी जिज्ञासु कार्य करना कि देखें होता है कि नहीं, एक अत्यन्त शक्तिशाली शत्रु को दावत देने के समान है, जो आपकी पूरी जिन्दगी को तबाह कर सकता है।
इसलिये जितना हो सके इनके नाम से भी दूर रहें, जिज्ञासा वश कोई भूतिया खेल न खेलें क्योंकि हो सकता है तुरंत न सही ये आप पर बाद में चुपके से वार कर दें। ये ज्यादातर पापात्मायें होती हैं जिनकों दूसरों को परेशान करने में ही आनंद मिलता है, इसलिये जितना हो सके अपने सुखी व सम्रद्ध जीवन को इनसे दूर रखें।
धन्यवाद।

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